अर्जुन मुंडा कल मणिपुर में “पूर्वोत्तर क्षेत्र (पीटीपी-एनईआर) योजना के तहत जनजातीय उत्पादों के प्रचार हेतु विपणन और लॉजिस्टिकस विकास” योजना का शुभारंभ करेंगे

इस योजना के तहत जनजातीय शिल्पियों के लिए आजीविका के अवसरों को मजबूत करने के लिए पूर्वोत्तर में जनजातीय पारिस्थितिक तंत्र में परिवर्तन की कल्पना की गई है

भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की अनुसूचित जनजातियों के लाभ के लिए एक नई योजना “पूर्वोत्तर क्षेत्र से जनजातीय उत्पादों के प्रचार हेतु विपणन एवं लॉजिस्टिकस विकास” शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय उत्पादों की खरीद, तथा रसद और विपणन में दक्षता में वृद्धि के माध्यम से जनजातीय शिल्पकारों के लिए आजीविका के अवसरों को मजबूत करना है। यह योजना अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय ,मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम राज्यों पर लागू होगी। इस योजना का आरंभ 18.04.2023 को जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा द्वारा एमएसएफडीएस ऑडिटोरियम, कोनुंग ममांग, इंफाल मणिपुर में किया जाएगा जहां मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बीरेन सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।

यह योजना जनजातीय कारीगरों को शुरूआती समझ के साथ समर्थन, एकत्रीकरण, कौशल और उद्यमिता विकास, सोर्सिंग और खरीद, विपणन, परिवहन और प्रचार के माध्यम से आय के अवसरों का लाभ उठाने की सुविधा प्रदान करेगी। इस योजना के अंतर्गत 18.04.2023 से पूर्वोत्तर क्षेत्रों के विभिन्न जिलों में 68 जनजातीय कारीगर मेलों का आयोजन भी किया जाएगा जो अप्रैल-मई माह में आयोजित किया जाएगा। जनजातीय मामलों के तहत नोडल एजेंसी ट्राईफैड (भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ) आदिवासियों की सदियों पुरानी परंपराओं को संरक्षित रखते हुए उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है।

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