देश की प्रमुख उर्वरक कंपनियों में से एक सहकारी इफको ने उत्तर प्रदेश में दो नए संयंत्रों में नैनो तरल डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया है, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 2 लाख बोतल प्रतिदिन है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, इफको ने कहा कि उसने “उत्तर प्रदेश में आंवला, बरेली और फूलपुर, प्रयागराज में अपने दो और नैनो संयंत्रों में इफको नैनो डीएपी लिक्विड का व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है।”
दोनों नैनो उर्वरक संयंत्रों की क्षमता प्रतिदिन 2 लाख बोतलें (500 मिली लीटर) उत्पादन की है।
इफको ने कहा, “उत्पादन में इस वृद्धि से देश में नैनो डीएपी लिक्विड की आपूर्ति बढ़ेगी और यह देश भर के किसानों को आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।”
पांच इफको नैनो उर्वरक संयंत्रों की कुल क्षमता 9.5 लाख बोतल प्रतिदिन है, जिसमें नैनो यूरिया और नैनो डीएपी दोनों शामिल हैं।
इफको ने दावा किया, “नैनो डीएपी लिक्विड पारंपरिक डीएपी से बेहतर विकल्प है क्योंकि नैनो डीएपी के कण 100 नैनोमीटर से कम होते हैं, जिससे यह अधिक प्रभावी होता है। यह पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में मिट्टी के पोषक तत्वों को बढ़ाता है। यह बेहतर फसल विकास और अधिक पैदावार को भी बढ़ावा देता है।”
इफको ने जून 2021 में दुनिया का पहला ‘नैनो लिक्विड यूरिया’ उर्वरक लॉन्च किया। इसके बाद, यह अप्रैल 2023 में नैनो-डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक लेकर आया। नैनो यूरिया 500 मिलीलीटर की बोतल लगभग 240 रुपये प्रति बोतल की दर से उपलब्ध है, जबकि नैनो लिक्विड डीएपी 600 रुपये प्रति बोतल की दर से उपलब्ध है।
पिछले साल सितंबर में इफको के प्रबंध निदेशक यू.एस. अवस्थी ने कहा था कि सहकारी संस्था ने 2017 से अपने दो नए उत्पादों – नैनो लिक्विड यूरिया और नैनो लिक्विड डीएपी पर करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्हें उम्मीद है कि अगले 2-3 सालों में किसान इन प्रमुख पोषक तत्वों को बड़े पैमाने पर अपनाएंगे। (पीटीआई)