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नई दिल्ली. दिव्य प्रकाश दुबे हरदोई, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों में बड़े हुए. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, पुणे से एमबीए किया. उन्हें एक बड़ी कंपनी में नौकरी भी लग गई और साथ-ही-साथ वह कहानियां लिखना भी शुरू किया, जो बाद में प्रकाशित भी हुईं.

वहीं, दिव्य को लेखनी में सबसे बड़ी सफलता तब मिली, जब उनके हाथ विक्रम और ऐश्वर्या राय बच्चन स्टारर मणिरत्नम की फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन- 1’ और ‘पोन्नियिन सेलवन- 2’ लगी. हाल ही में, आजतक को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग से रायटर और फिर स्क्रिप्ट रायटर तक के सफर पर बातचीत की.

दिव्य ने बताया कि उनके लिए पिछले 10 साल से अब तक सब कुछ सपने की तरह लगता है. उन्होंने बताया कि मणिरत्नम की फिल्मों के लिए लिखना उनके औकात से बाहर की बात थी, लेकिन आज ये सब कुछ संभव हो गया. बता दें, पीएस 1 और 2 के लिए उन्होंने हिंदी डायलॉग लिखे हैं, जिनकी काफी तारीफ भी हो रही है. (फोटो साभारः Instagram @authordivyaprakash)

उन्होंने ये भी बताया कि इंजीनियरिंग का बंदा हूं, शनिवार और रविवार को जब वक्त मिलता था तो लिखता था, फिर उनकी किताबें प्रकाशित होने लगी तो उन्हें थोड़ी पहचान मिली और उनकी किताबों की वजह से ही उन्हें पीएस 1 और 2 भी मिली. उन्होंने कहा कि एक लिट्रेचर फेस्ट में उनकी मुलाकात फिल्म ‘गुरू’ लिखने वाले विजय कृष्ण आचार्य से हुई और उन्होंने उनका नंबर ले लिया, लेकिन दिव्य उनका नंबर नहीं ले पाया.

एक दिन दिव्य के पास विजय का फोन आया और उन्होंने कहा कि एक फिल्म के लिए तुम लिखे दो, बहुत अच्छे लोग हैं, मेरे पास वक्त नहीं है वरना मैं ही लिख देता. उस वक्त तक उन्हें नहीं बताया गया था कि वह मणिरत्नम की फिल्म है. उन्हें बस यही बताया गया कि ‘चेन्नई से कॉल आएगा…’ और ऐसा ही हुआ और इस तरह उन्हें ये फिल्म मिल गई. पीएस- 2 रिलीज के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर छा चुकी है और मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 4 दिन के अंदर इस फिल्म की झोली में 400 करोड़ आ चुके हैं.
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