भारतीय नौसेना ने कराची पर हमला करने के लिए तैयारी पूरी कर ली थी

भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों से चल रहे तनाव में अब कुछ कमी आ गई है। दोनों देशों के बीच टेंशन तब बढ़ गई थी, जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के खिलाफ हमले किए थे। इस दौरान, दोनों देश कई बार आमने-सामने आ गए। रविवार को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताते हुए भारतीय नौसेना ने खुलासा किया कि इस दौरान इंडियन नेवी भी पूरी तरह से तैयार थी और कराची सहित समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने में पूरी तरह सक्षम थी। ऑपरेशन सिंदूर पर तीनों सेनाओं की संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग के दौरान वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा, “हमारी नौसेना बल पूरी तरह से समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता के साथ निर्णायक स्थिति में अरब सागर में आगे तैनात रहे, जिसमें कराची भी शामिल था।”

वाइस एडमिरल भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सेना और भारतीय वायु सेना के अपने समकक्षों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। नौसेना संचालन महानिदेशक (DGNO) ने कहा कि नौसेना ने आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में कई हथियारों की फायरिंग के दौरान समुद्र में रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण और सुधार किया। वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने यह भी कहा कि नौसेना बल की अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तान को रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए मजबूर किया, जो कि ज्यादातर बंदरगाहों के अंदर या तट के बहुत करीब थी, जिस पर भारतीय सेना लगातार नजर रखती थी। उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना ने पूरे समय समुद्री क्षेत्र में सतर्कता बनाए रखी और पाकिस्तानी यूनिट्स के स्थानों और आवाजाही के बारे में पूरी तरह से जागरूक थी।”

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने दोहराया कि पाकिस्तानी आक्रमण के प्रति भारत की प्रतिक्रिया शुरू से ही नपी-तुली, आनुपातिक, गैर-बढ़ावा देने वाली और जिम्मेदार रही है। डीजीएनओ ने कहा कि 22 अप्रैल को 26 नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकी हमले के बाद अरब सागर में वाहक युद्ध समूह को तैनात किया गया था। वाहक युद्ध समूह एक नौसेना बेड़ा है जिसमें एक विमानवाहक पोत और उसके साथ चलने वाले जहाज शामिल होते हैं। गौरतलब है कि भारत ने 7 मई की सुबह आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पाकिस्तानी कार्रवाई का भारतीय पक्ष ने कड़ा जवाब दिया और हवाई ठिकानों, वायु रक्षा प्रणालियों, कमांड और नियंत्रण केंद्रों और रडार साइटों सहित कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान पहुंचाया।
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