भारतीय रेलवे ने 74,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और नई परियोजनाओं के साथ पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे के विकास में तेज प्रगति की

रेलवे परियोजनाओं का सर्वेक्षण/अनुमोदन/निष्पादन क्षेत्रीय रेलवे के अनुसार किया जाता है। ये सभी कार्य राज्यवार नहीं किये जाते हैं क्योंकि रेलवे परियोजनाएं राज्य की सीमाओं के पार भी फैली हो सकती हैं। रेलवे परियोजनाओं को प्राप्त होने वाले लाभ, रेल यातायात के अनुमान, अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी, छूटे हुए इलाके एवं वैकल्पिक मार्ग, भीड़भाड़/अपनी क्षमता से अधिक परिचालन करने वाली लाइनों के विस्तार, राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, संसद सदस्यों, अन्य जन प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई मांगों, रेलवे की अपनी परिचालन आवश्यकताओं, चल रही परियोजनाओं के आधार पर सामाजिक-आर्थिक विचारों और धन की समग्र उपलब्धता के आधार पर स्वीकृति प्रदान दी जाती है। भारतीय रेलवे में 01.04.2024 तक कुल 44,488 किलोमीटर लंबाई की 488 रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं (187 नई लाइन, 40 गेज परिवर्तन और 261 दोहरीकरण) योजना/अनुमोदन/निर्माण के चरण में हैं, जिनकी लागत लगभग 7.44 लाख करोड़ रुपये है। जिनमें से 12,045 किलोमीटर लंबाई की रेल सेवाएं प्रारंभ हो चुकी हैं और मार्च 2024 तक लगभग 2.92 लाख करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है। सारांश इस प्रकार है:-

श्रेणी परियोजनाओं की संख्या कुल लंबाई

एनएल/जीसी/डीएल

(किलोमीटर में)

मार्च 2024 तक कमीशन की अवधि
(किलोमीटर में)
मार्च 2024 तक कुल व्यय

(करोड़ रुपये में)

नई लाइनें 187 20199 2855 160022
गेज रूपांतरण 40 4719 2972 18706
दोहरीकरण / मल्टीट्रैकिंग 261 19570 6218 113742
कुल 488 44,488 12,045 2,92,470

 

सभी रेलवे परियोजनाओं का लागत, व्यय और परिव्यय सहित क्षेत्रवार/वर्षवार विवरण भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराया गया है।

भारतीय रेलवे में नई पटरियां बिछाने/चालू करने का विवरण नीचे दिया गया है: –

अवधि नया ट्रैक चालू किया गया नए ट्रैकों की औसत कमीशनिंग
2009-14 7,599 किमी 4.2 किमी/दिन
2014-24 31,180 किमी 8.54 किमी/दिन (2 बार से अधिक)

 

 

 

 

असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में रेलवे अवसंरचना परियोजनाओं की देखरेख भारतीय रेलवे के पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) जोन द्वारा की जाती हैं। रेलवे परियोजनाओं की लागत, व्यय और परिव्यय सहित क्षेत्रीय रेलवेवार विवरण भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध करा दिया गया है।

आंकड़ों के आधार पर दिनांक 01.04.2024 तक कुल 1,368 किलोमीटर लंबाई की कुल 18 परियोजनाएं (13 नई लाइनें और 5 दोहरीकरण) योजना/अनुमोदन/निर्माण चरण में हैं। इनकी कुल लागत 74,972 करोड़ रुपये है और ये पूरी तरह/आंशिक रूप से असम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में आती हैं। इनमें से 313 किलोमीटर लंबाई की रेल सेवा चालू हो गई है और मार्च 2024 तक 40,549 करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है। सारांश इस प्रकार है:-

श्रेणी परियोजनाओं की संख्या कुल लंबाई

एनएल/जीसी/डीएल

(किमी में)

मार्च 2024 तक कमीशन की गई लंबाई

(किमी में)

मार्च 2024 तक कुल व्यय

(करोड़ में)

नई लाइनें 13 896 81 34616
दोहरीकरण / मल्टीट्रैकिंग 5 472 232 5933
कुल 18 1368 313 40549

असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं व सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए बजट आवंटन निम्नानुसार है:

अवधि परिव्यय
2009-14 `2122 करोड़/वर्ष
2024-25 `10376 करोड़ (4 गुना से अधिक)

वर्ष 2009-14 और 2014-24 के दौरान असम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूर्णतः/आंशिक रूप से नई रेल लाइन बिछाने/चालू करने का विवरण इस प्रकार है: –

अवधि नया ट्रैक चालू नए ट्रैकों की औसत कमीशनिंग
2009-14 333 किमी 66.6 किमी/वर्ष
2014-24 1728 किमी 172.8 किमी/वर्ष (2 बार से अधिक)

पिछले 3 वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24 और चालू वित्तीय वर्ष यानी 2024-25) में भारतीय रेलवे में कुल 65,488 किलोमीटर लंबाई के 933 सर्वेक्षण (299 नई लाइन, 14 गेज परिवर्तन व 620 दोहरीकरण) स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 21 सर्वेक्षण (17 नई लाइन एवं 04 दोहरीकरण) कुल 2,499 किलोमीटर लंबाई के हैं, जो पूरी तरह/आंशिक रूप से असम राज्य सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र में हैं।

जिस तरह से भारतीय रेलवे नेटवर्क देश और राज्य की सीमाओं तक फैला हुआ है, उसे ध्यान में रखते हुए रेल नेटवर्क की आवश्यकता के अनुसार ऐसी सीमाओं के पार रेलगाड़ियां चलाई जाती हैं। इसके अलावा, भारतीय रेलवे (आईआर) नई रेलगाड़ी शुरू करने, मौजूदा ट्रेनों के आवृत्तियों में विस्तार एवं वृद्धि करके, सफर करने वाले यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है और भारतीय रेलवे ने तदनुसार असम राज्य के यात्रियों की आवश्यकता को देखते हुए, प्रारंभिक/समापन आधार पर 24 नई रेल सेवाएं शुरू की हैं, 20 रेलगाड़ियों का विस्तार किया है। वर्ष 2019-20 से लेकर 2024-25 (फरवरी, 2025) की अवधि के दौरान 14 रेल सेवाओं की आवृत्ति में वृद्धि की गई है।

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।

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